Monday 25 July 2016

सत्य घटना पर आधारित मैथिली टेली फिल्म - बौका


माँ मिथला प्रोडक्शन  प्रजेंट्स -

सत्य घटना पर आधारित मैथिली टेली फिल्म  बौका (Bouka)

बिहार के मधुबनी जिलाक अंतर्गत झंझारपुर प्रखंडक़  भैरव स्थान थाना के अंतर्गत ई घटना - घटित अछि , जे निम्न प्रकार अछि , एक झलक देखल जाओ , आ अपन मार्ग- दर्शन देल जाओ  , आखिर कतेक -२  दिन तक  अहि रुपे बहिन - बेटी के घर उजरत देखव , आय  सम्पति के कारन , कइल दहेज़ के कारन , या फेर बेटा  नै भेल ताहि कारन , ई कतेक उचित अछि अपन समाज में  आखिर किया ?

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निर्माता - राहुल ठाकुर

छ्यांकन संकलन - मुकेश मिश्रा (Mukesh Mishra)

लेखक निर्देशन - काशी मिश्रा ( Kashi Mishra)

मुख्य कलाकार   -

काशी मिश्रा (Kashi Mishra

मदन कुमार  ठाकुर (Madan Kumar Thakur)

रौशन कुमार (Roushan Kumar)

पूजा भारती  

 सुनीता यादव (Sunita Yadav)

 राहुल ठाकुर.  

 गोविन्द मिश्रा (Govind Mishra)

म्यूजिक-  उत्तम सिंह

गीत -   आशिक दीवाना

गायक -  ज्योतिचन्द्र झा

आभार -  जगदम्बा ठाकुर    साथी

स्पेशल थैंक्स -   दहेज मुक्त मिथिला (दहेज़ मुक्त मिथिला)

स्पेशल थैंक्स -  मधुबनी आर्ट्स.ओर्ग

Friday 12 February 2016

आमंत्रण / हकार

आमंत्रण / हकार  
                                                                                                                 आदरणीय,
मिथिला - मैथिली सुधिजन,
मिथिला दर्शनक एक गोट अंक में स्वर्गीय मायानन्द मिश्र लिखने छथि - जहिना प्राचीन विश्वक (अर्थात समस्त इन्दोएरियनकप्राचीनतम काव्य ग्रन्थ थिक ऋग्वेद जाहि मे तत्कालीन जन जीवन ओ जन समाज केर चित्रण भेल अछि,तहिना आधुनिक विश्वकेर प्राचीनतम गद्य ग्रन्थ 'वर्ण रत्नाकरथिक जकर महान गद्यकार थिकाह पण्डित ज्योतिरीश्वरठाकुर जे 1280 ई० मे भेल छलाह।
कहबाक प्रयोजन नहि जे आधुनिक विश्व केर भाषा सभक जन्म भेल अछि ई० केर दसम शताव्दीक पश्चात्। एहि मेज्योतिरीश्वर ठाकुर भेलाह 1280 ई० मे। तकर पश्चात् भेलाह कवि कोकिल महाकवि विद्यापति जे भेलाह (1350) तेरहसौ पचास ई० मे तकर पश्चात् आधुनिक अंग्रेजी भाषा ओ साहित्यक जन्मदाता भेलाह चाँसर जे भेल छलाह तेरह सौतेहत्तरि ई० मे। सामान्यतः अंग्रेजी भाषा साहित्य मे मान्यता प्रचलित अछि जे चाँसर चौदहम शताव्दिक उत्तरार्ध मे भेलछलाह।
कहबाक प्रयोजन नहि जे आधुनिक विश्व भाषा सभक जन्म भने दसम शताब्दीक आसपास भगेल हो किन्तु रचना -परम्पराक जन्म तेरहम - चौदहम शताब्दीक पश्चाते प्रारम्भ होइत अछि। एहि प्रकारें आधुनिक विश्व भाषाक आदिमगद्यकार पंडित ज्योतिरीश्वर ठाकुरे भेलाह जे मिथिलाक छलाह।
यद्यपि  1265 ई० मे इटली मे भेल छलाह दाँते  जे डिवाइन कमेडिक रचना कयने  छलाह।  किन्तु एक तडिवाइनकमेडी सामान्य हास्य व्यंगक काव्य रचना थिक  दोसर ओहि मे लैटिन भाषाक व्यापक प्रभाव अछि।  कहबाक प्रयोजननहि  जे आधुनिक युग गद्यक युग थिक  जकर  प्रमाण छथि अंग्रेजीक समरसेट मामथॉमस हार्डीहेमिंगवे आदि जेसब के सब गद्यकारे छलाह।  दोसर दिस रूस केर टाल्सटाय तथा फ़्रांस केर चेखव आदि सब गद्यकारे छलाह जे एहिआधुनिक गद्य युगक विशेषता थिक।  एहि  प्रकारें आधुनिक गद्य युगक सर्वाधिक प्राचीनतम् गद्यकार मिथिलाक , ज्योतिरीश्वर ठाकुर भेलाह।
मायानन्द जी लिखै छथि जे इहो महाकवि विद्यापतियेक भक्ति काव्य ओ श्रृंगारिक काव्यक प्रभाव थिक  जे हिन्दी  मेपहिने भक्ति काल आएल आ तकर पश्चात्  रीति (श्रृंगारिककाल आयल।
स्वर्गीय रामवृक्ष बेनीपुरी जीक लिखल पुस्तक 'विद्यापतिजे 1926 मे प्रकाशित अछि ओहि पुस्तकक निवेदन मे लिखनेछथि " हिन्दी भाषाक कोनो कवि हिनकर मधुर वर्णनक छाँह तक नहि छुबि सकैत छथि। मुदा हमरा सभक अकर्मण्यताककारन हिन्दी कविक बीच एखन धरि वो अपन स्थान नहि प्राप्त कसकलाह। एहि कलंक - मोचन के लेल हमरा सब केफाँड़ बान्हि तैयार भजेबाक चाही''
जे भेल से भेलमुदा आब हमरा बुझना जाइछ जे आब ओ समय कतेको शताव्दिक उपरान्त आबि चुकल अछि जे मैथिल,मैथिलीक प्रति जागरूक भरहलाह अछि।  ई मानल जा सकैत अछि  जे पहिने हमरा सब लग संसाधनक घोर अभावछल कदाचित ताहि हेतु सेहओ ध्यान नहि दपाओल होएताह , मुदा आब प्रायः समस्त मैथिल एतवा त संपन्न छथियेजाहि सँ मैथिली भाषा - साहित्यक सम्बर्धन दिस डेग जरूर बढ़ा सकैत छथि।  प्रयोजन अछि नव तुरिया ,युवा सब केएहि दिस अपन मोन बढ़ेबाकपैर बढ़ेबाकगुरुजन सुधिजन के एहन विचार रखबाक जाहि सँ  समस्त मैथिलक खुनकधार मे मैथिली भाषाक प्रवाह होइक।    
एहि निमित्त भारतक राजधानी दिल्ली मे मैथिली साहित्य महासभा कअंतर्गतअन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी कआ मैथिली  साहित्यक स्थापना दिवसक सुअवसर पर एकटा वार्षिकसंगोष्ठी” राखल गेल  अछि।  जकर विषय अछि "मैथिली साहित्यक सम्बर्धन - प्रवासी मैथिलक भूमिका ''  एहि  विषयपर अपने विद्वत लोकनि सँ आग्रह जे अपन विचार एहि मंच सँ मैथिल सभक मध्य परसिजाहि सँ मैथिल मे मैथिलीभाषाक प्रति जन चेतना जागृति होइक आ मैथिली साहित्यक पोथीजाहि के कतेको मे दीबार (दीमकलागि गेल ,कतेकोधुल फाँकी रहल अछि से सब बाहर निकलि मैथिलक हाथ मे आबय आ अपन साहित्य के प्रति रूचि बढ़ैक। 

एहि  निमित्त आगामी 21 फरवरी 2016 (रवि दिन) जवाहरलाल नेहरू युथ सेंटर , नारायण दत्त तिवारी भवन , 219 ,दिन दयाल उपाध्याय मार्ग , दिल्ली -110002 (नजदीक आई टी ओ मेट्रो स्टेशन , करीब 200 मीटर ) बेरु पहर 2 बजेसँ  संध्या 6 बजे धरि 'मैथिली साहित्‍य महासभा, केर 'वार्षिक संगोष्ठी ' आयोजित होबय जा रहल अछि । एहि कार्यक्रम मे कुल अपेक्षित संख्‍या 250 अछि, जाहि मे देश भरि सं प्रतिनिधिक उपस्थिति उल्‍लेखनीय रहत। 
अखन धरि एहि कार्यक्रमक अतिथि के नाते श्री महेंद्र मलंगियाडॉ० गंगेश गुंजन, श्री मति मृदुला प्रधान , डॉ० कमायिनीडॉ० चंद्रशेखर पासवानडॉ० अरुणाभ सौरभ , सुश्री  मनीषा झा  प्रभृति वरिष्‍ठ मैथिल साहित्‍यकारगणक सहमति प्राप्‍त भेल अछि।
संगहि एक गोट आग्रह जे अपन सहमति स्वरुप मेल वा पत्रक उत्तर निश्चित रूपेँ दी। कदाचिद् जौं कोनो कारन बसउपस्थिति सम्भव नहि भसकैक त अपन विचार जरूर पठायब जकरा संयोजन समूह क व्यक्ति उपस्थिति मैथिल जनतक राखि सकथि।  
 एहि वार्षिक संगोष्ठी मे अपनेक उपस्थिति प्रार्थनीय अछि।
 अपनेक प्रतीक्षा मे,
 मैथिली साहित्य महासभा
 संयोजक - श्री विजय झा, 9810099451
सह - संयोजक - श्री संजय कुमार झा "नागदह ", 8010218022

 निवेदक - समस्त मैथिल समाज  संस्था दिल्ली। 

Saturday 6 February 2016

मैथिली साहित्य महासभा 21 फरबरी 2016 मे समस्त मैथिल समाज के सब जाना हकार संग स्वागत अछि।




  मैथिली साहित्य महासभादिल्ली केर आगामी कार्यक्रम २१ फरबरी अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस केर उपलक्ष्य विभिन्न लक्ष्यक संग हो ताहि लेल एकटा पूर्व लक्षित प्रस्तावना अपने सभक समक्ष राखि रहल छी। खासकय तखन जखन एहि वास्ते पैछला रवि दिन संपन्न मिटींग मे उपस्थित सदस्य लोकनिक ध्यान भरिसक ओहि दिशा मे नहि गेल  हम अनुभव केलहुँ।
  सर्वप्रथमजाहि उद्देश्यक संग मैथिली साहित्य महासभादिल्लीक स्थापना भेल  फेर सँ बुझल जायमनन कैल जाय आर पैछला समय मे कैल वादा केँ जरुर सँ जरुर पूरा कैल जाय। एहि वास्ते एकटा वृहत् विचार-गोष्ठी तथा समीक्षात्मक वार्ता करैत दृढसंकल्पित कार्यसमितिक चयन करब जरुरी अछि।
हमरा नजरि सँ - कार्य करबाक लेल विचारल बातः

प्रकाशनक दिशा मे डेग
पुस्तक खरीद-बिक्री  वितरण लेल केन्द्र
लेखन पुरस्कार - सम्मान केर वितरण
स्मारिका प्रकाशन
व्याख्यानमाला  कवि-गोष्ठीक संग अन्य गतिविधि सँ सामूहिक सहकार्य बढेबाक आवश्यकता
पंजियन करेबाक  कोष निर्माण करबाक आवश्यकता
देश भरि मे कार्यरत विभिन्न साहित्यिक-सांस्कृतिक तथा मैथिल विशिष्ट पहिचान पर आधारित विभिन्न संस्था  सामूहिक प्रयास सँ परिचय तथा समन्वय करैत छाता संगठनक निर्माणराजधानी मे प्रतिनिधित्व
मैथिली अकादमी पटना  अन्यान्य अकादमीक वर्तमान पर विचार - सुधार लेल समन्वयात्मक प्रयास
दिल्ली मे उपलब्ध विभिन्न तह (छात्रशिक्षकपेशाकर्मीकलाकाररंगकर्मीपत्रकार  अन्यमे सदस्यता अभियान
१०साहित्य अकादमी मे प्रतिनिधित्व ग्रहण करबाक समुचित प्रयास


   भवदीय --
संस्थापक सदस्य - संजय झा नागदह 
(Sanjay Jha )
8010218022
संस्थापक सदस्य - विजय झा  


9810099451